हे प्रभु हम तुमसे..

0
334

*ओ३म् इन्द्रं वर्धन्तो अप्तुरः कृण्वन्तो विश्वमार्यम् ।* 

*अपघ्नन्तो अराव्णः ॥*

~ऋग्वेद•५/६३/९

हे प्रभु !! हम तुमसे वर पायें

हे प्रभु !! हम तुमसे वर पायें

सकल विश्व को आर्य बनायें

हे प्रभु !! हम तुमसे वर पायें

फैले सुख-सम्पत्ति फैलायें

आप बढ़े तब राज्य बढ़ायें

हे प्रभु !! हम तुमसे वर पायें

राग-द्वेष को दूर भगायें

प्रीत-नीति की रीति चलायें

हे प्रभु !! हम तुमसे वर पायें

सकल विश्व को आर्य बनाये

हे प्रभु !! हम तुमसे वर पायें

*स्वर :- ब्रह्मचारी आचार्य श्री अरुण कुमार जी आर्य*

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here