वाल्मीकीय रामायण के अनुवादक संपादक एवं टिप्पणीकर्ता हैं स्वामी जगदीश्वरानंद जी सरस्वती हैं। इस पुस्तक का प्रकाशन विजयकुमार गोविंदराम हासानंद नई दिल्ली द्वारा किया गया है। पुस्तक का वांचन किया है ब्रह्मचारी अरुणकुमार आर्यवीर ने। इसे श्रव्य कणिका रूप में हजारों पाठक व्हाट्स एप पर निरंतर सुनते आ रहे हैं। पाठकों की मांग पर इसे विडियोकरण कर यू ट्यूब पर भी उपलब्ध कराया जा रहा है..