5 – आर्यत्व (~ भारत चालीसा)…

0
188

भारत गौरव गान या भारत चालीसा
स्वर : ब्र. अरुणकुमार “आर्यवीर”

5 – आर्यत्व
आर्यावर्त व भारतवर्ष सुनाम पुरातन गौरववान।
यवनों द्वारा पाया था उपनाम हिन्द औ हिन्दोस्तान।।
प्रभु से पाकर शुचि शाश्वत प्रिय पूरित वैदिक ज्ञान-विज्ञान।
प्रथम जहां पर आर्य जाति ने किया सकल निज अभ्युत्थान।।
आर्य उन्हें कहते हैं जो हैं धार्मिक, सभ्य, वीर, विद्वान।
आर्य सभ्यता, वैदिक संस्कृति है मानवता का सोपान।।
सत्य, अहिंसा, शांति, एकता है आर्यों का सुमधुर गान।
विश्व बन्धु औ पंचशील की जिसने छेड़ी वैदिक तान।।
और जहां से फैली जग में आर्यों की सन्तान।

है भूमण्डल में भारत देश महान।।
है भूमण्डल में आर्यावर्त महान।।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here