भारत गौरव गान या भारत चालीसा
स्वर : ब्र. अरुणकुमार “आर्यवीर”
30 – शहीदेधर्म और देश
दयानन्द ने विष पीकर जिस भारत की आँखे खोली।
श्रद्धानन्द ने देश-धर्म हित सीने में खाई गोली।।
लेखराम ने छूरे खा, निज खंू से भर दी रिपु झोली।
राजपाल औ रामचन्द्र की चली शहीदों में डोली।।
विगत सतावन में लक्ष्मी ने निज खँू से खेली होली।
हुई निजाम औ गोआ में भी अमर शहीदों की टोली।।
इधर बयालिस की बलियों से अंग्रेजी दुनियां डोली।
और छियालिस में वंगी-माँ ने खंू से रंगी चोली।।
सैंतालिस में दिये सिन्ध, पंजाब बहुत बलिदान।
है भूमण्डल में भारत देश महान।।
है भूमण्डल में आर्यावर्त महान।।