भारत गौरव गान या भारत चालीसा
स्वर : ब्र. अरुणकुमार “आर्यवीर”
28 – हुतात्माएँ
जिस पर जयमल फत्ता, गोरा, बादल ने दे दी निज जान।
दुर्गादास, अमरसिंह, तेग बहादुर, किये निछावर प्राण।।
बाल हकीकत ने सिर कटवाया पर तजी न धार्मिक आन।
दीवारों में चुना दिये तन फतेह, जोरावर सन्तान।।
गरम लोह से बन्दा ने खिंचवा कर खाल हुये कुर्बान।
मतीराम ने आरी से तन फड़वाया रख धार्मिक मान।।
सम्भाजी ने खिंचवाकर निज जीभ दिया जिस पर बलिदान।
जिस पर निज आंखे फुड़वाई पृथ्वीराज चौहान महान।।
जौहर की ज्वाला में जल सतियों ने बचाई शान।
है भूमण्डल में भारत देश महान।।
है भूमण्डल में आर्यावर्त महान।।