ओ३म्
१११. संस्कृत वाक्याभ्यासः
आह्वयति = बुलाता है / बुलाती है।
सः आह्वयति = वह बुलाता है।
सा आह्वयति = वह बुलाती है।
एषः आह्वयति = यह बुलाता है।
एषा आह्वयति = यह बुलाती है।
कः आह्वयति ? = कौन बुलाता है ?
पिता आह्वयति = पिता बुलाता है।
पिता कम् आह्वयति ?
= पिता किसको बुलाता है ?
पिता पुत्रम् आह्वयति।
= पिता पुत्र को बुलाता है।
आह्वयति ? = कौन बुलाती है ?
माता आह्वयति = माँ बुलाती है।
माता कम् आह्वयति ?
= माँ किसको बुलाती है ?
माता पुत्रीम् आह्वयति।
= माँ पुत्री को बुलाती है।
अहम् आह्वयामि = मैं बुलाता हूँ / बुलाती हूँ।
ओ३म्
१११. संस्कृत वाक्याभ्यासः
अवतरति = उतरता है/ उतरती है।
सः अवतरति = वह उतरता है।
सा अवतरति = वह उतरती है।
एषः अवतरति = यह उतरता है।
एषा अवतरति = यह उतरती है।
कः अवतरति ? = कौन उतरता है ?
पिता अवतरति = पिता उतरता है।
पिता कुतः अवतरति ?
= पिता कहाँ से उतरता है ?
पिता पर्वतात् अवतरति।
= पिता पर्वत से उतरता है।
का अवतरति ? = कौन उतरती है ?
माता अवतरति = माँ उतरती है।
माता कुतः अवतरति ?
= माँ कहाँ से उतरती है ?
माँ कारयानात् अवतरति।
= माँ कार से उतरती है।
माता कथम् अवतरति ?
= माँ कैसे उतरती है ?
माता शनैः शनैः अवतरति।
= माँ धीरे धीरे उतरती है।
अहम् अवतरामि = मैं उतरता हूँ/ उतरती हूँ।
ओ३म्
११२. संस्कृत वाक्याभ्यासः
गणयति = गिनता है / गिनती है।
सः गणयति = वह गिनता है।
सा गणयति = वह गिनती है।
एषः गणयति = यह गिनता है ।
एषा गणयति = यह गिनती है
कः गणयति ? = कौन गिनता है ?
हार्दिकः गणयति = हार्दिक गिनता है।
हार्दिकः किं गणयति ?
= हार्दिक क्या गिनता है ?
हार्दिकः वृक्षान् गणयति।
= हार्दिक पेडों को गिनता है।
का गणयति ? = कौन गिनती है ?
सुचेता गणयति = सुचेता गिनती है।
सुचेता किं गणयति ?
= सुचेता क्या गिनती है ?
सुचेता छात्रान् गणयति।
= सुचेता छात्रों को गिनती है।
अहं गणयामि = मैं गिनता हूँ / गिनती हूँ।
ओ३म्
११२. संस्कृत वाक्याभ्यासः
आरोहति = चढ़ता है / चढ़ती है।
सः आरोहति = वह चढ़ता है।
सा आरोहति = वह चढ़ती है।
एषः आरोहति = यह चढ़ता है।
एषा आरोहति = यह चढ़ती है।
कः आरोहति ? = कौन चढ़ता है ?
नृपः आरोहति = राजा चढता है।
नृपः किम् आरोहति ?
= राजा किस पर चढ़ता है ?
नृपः रथम् आरोहति।
= राजा रथ पर चढ़ता है।
का आरोहति ? = कौन चढ़ती है ?
गौरी पर्वतम् आरोहति
= गौरी पर्वत चढ़ती है
गौरी कं पर्वतम् आरोहति ?
= गौरी किस पर्वत पर चढ़ती है ?
गौरी हिमालयम् आरोहति।
= गौरी हिमालय पर्वत पर चढ़ती है।
अहम् आरोहामि = मैं चढ़ता हूँ/ चढ़ती हूँ।
ओ३म्
११३. संस्कृत वाक्याभ्यासः
तरति = तैरता है / तैरती है।
सः तरति = वह तैरता है।
सा तरति = वह तैरती है।
एषः तरति = यह तैरता है।
एषा तरति = यह तैरती है।
कः तरति ? = कौन तैरता है ?
रोहितः तरति = रोहित तैरता है।
रोहितः कुत्र तरति ?
= रोहित कहाँ तैरता है ?
रोहितः सरोवरे तरति।
= रोहित सरोवर में तैरता है।
का तरति ? = कौन तैरती है ?
बालिका तरति = बालिका तैरती है।
बालिका कुत्र तरति ?
= बालिका कहाँ तैरती है ?
बालिका गृहतरणताले तरति।
= बालिका घर के स्वीमिंग पूल में तैरती है ।
अहं तरामि = मैं तैरता हूँ / तैरती हूँ।
ओ३म्
११४. संस्कृत वाक्याभ्यासः
निवेदयति = निवेदन करता है / करती है।
सः निवेदयति = वह निवेदन करता है।
सा निवेदयति = वह निवेदन करती है।
एषः निवेदयति = यह निवेदन करता है।
एषा निवेदयति = यह निवेदन करती है।
कः निवेदयति ? = कौन निवेदन करता है ?
रोहितः निवेदयति = रोहित निवेदन करता है।
रोहितः किं निवेदयति ?
= रोहित क्या निवेदन करता है ?
रोहितः संस्कृतं पठितुं निवेदयति।
= रोहित संस्कृत पढ़ने के लिये निवेदन करता है।
का निवेदयति ? = कौन निवेदन करती है ?
बालिका निवेदयति = बालिका निवेदन करती है।
बालिका किं निवेदयति ?
= बालिका क्या निवेदन करती है ?
बालिका गीतं गातुं निवेदयति।
= बालिका गीत गाने के लिये निवेदन करती है।
अहं निवेदयामि = मैं निवेदन करता हूँ / करती हूँ।
ओ३म्
११५. संस्कृत वाक्याभ्यासः
स्पृशति = स्पर्श करता है / करती है।
सः स्पृशति = वह स्पर्श करता है।
सा स्पृशति = वह स्पर्श करती है।
एषः स्पृशति = यह स्पर्श करता है।
एषा स्पृशति = यह स्पर्श करती है।
कः स्पृशति ? = कौन स्पर्श करता है ?
रोहितः स्पृशति = रोहित स्पर्श करता है।
रोहितः कं स्पृशति ?
= रोहित किसे स्पर्श करता है ?
रोहितः रुग्णं स्पृशति।
= रोहित बीमार को स्पर्श करता है।
का स्पृशति ? = कौन स्पर्श करती है ?
बालिका स्पृशति = बालिका स्पर्श करती है।
बालिका कां स्पृशति ?
= बालिका किसको स्पर्श करती है ?
बालिका धेनुं स्पृशति।
= बालिका गाय को स्पर्श करती है।
अहं स्पृशामि = मैं स्पर्श करता हूँ / करती हूँ।
ओ३म्
११६. संस्कृत वाक्याभ्यासः
सः लिखति = वह लिखता है।
सः दैनंदिनीं लिखति।
= वह डायरी लिखता है।
सः दैनंदिन्यां लिखति।
= वह डायरी में लिखता है।
सा लिखति = वह लिखती है।
सा किं लिखति ?
= सा लेखं लिखति।
किं भवती लिखति ?
= क्या आप लिखती हैं ?
भवान् लेखं लिखति किम् ?
= आप लेख लिखते हैं क्या ?
अहं लिखामि = मैं लिखता/लिखती हूं।
ओ३म्
११७. संस्कृत वाक्याभ्यासः
आनयति = लाता है / लाती है।
सः आनयति = वह लाता है।
सा आनयति = वह लाती है।
एषः आनयति = यह लाता है।
एषा आनयति = यह लाती है।
कः आनयति ? = कौन लाता है ?
सेवकः आनयति = सेवक लाता है।
सेवकः किम् आनयति ?
= सेवक क्या लाता है ?
सेवकः जलम् आनयति।
= सेवक पानी लाता है।
का आनयति ? = कौन लाती है ?
सेविका आनयति = सेविका लाती है।
सेविका किम् आनयति ?
= सेविका क्या लाती है ?
सेविका दुग्धम् आनयति।
= सेविका दूध लाती है।
अहं आनयामि = मैं लाता हूँ / लाती हूँ।
ओ३म्
११८. संस्कृत वाक्याभ्यासः
गुञ्जति = गूँजता है / गूँजती है।
मम मनसि ओम् नादः गुञ्जति।
= मेरे मन में ओम् नाद गूँजता है।
आश्रमे वेदपाठः गुञ्जति।
= आश्रम में वेदपाठ गूँजता है।
वने खगानां ध्वनिः गुञ्जति।
= वन में पक्षियों की आवाज गूँजती है।
अधुना अपि मम मातुः रवः गृहे गुञ्जति।
= अभी भी माँ की आवाज घर में गूँजती है।
ओ३म्
११९. संस्कृत वाक्याभ्यासः
वर्धते = बढ़ता है / बढ़ती है।
सः वर्धते = वह बढ़ता है।
सा वर्धते = वह बढ़ती है।
एषः वर्धते = यह बढ़ता है।
एषा वर्धते = यह बढ़ती है।
कः वर्धते ? = कौन वर्धते है ?
युवकः वर्धते = युवक बढ़ता है।
युवकस्य किं वर्धते ?
= युवक का क्या बढ़ता है ?
युवकस्य ज्ञानं वर्धते।
= युवक का ज्ञान बढ़ता है।
का वर्धते ? = कौन बढ़ती है ?
महिला वर्धते = महिला बढ़ती है
महिला कुत्र वर्धते ?
= महिला कहाँ बढ़ती है ?
महिला मार्गे अग्रे वर्धते।
= महिला मार्ग में आगे बढ़ती है।
अहं वर्धे = मैं बढ़ता हूँ / बढ़ती हूँ।
ओ३म्
१२०. संस्कृत वाक्याभ्यासः
प्रविशति = प्रवेश करता है / करती है।
सः प्रविशति = वह प्रवेश करता है।
सा प्रविशति = वह प्रवेश करता है।
एषः प्रविशति = यह प्रवेश करता है।
एषा प्रविशति = यह प्रवेश करता है।
कः प्रविशति ? = कौन प्रवेश करता है ?
छात्रः प्रविशति = छात्र प्रवेश करता है।
छात्रः कुत्र प्रविशति ?
= छात्र कहाँ प्रवेश करता है ?
छात्रः विद्यालयं प्रविशति।
= छात्र का ज्ञान बढ़ता है।
का प्रविशति ? = कौन प्रवेश करती है ?
लक्ष्मी प्रविशति = लक्ष्मी प्रवेश करती है।
लक्ष्मी कुत्र प्रविशति ?
= लक्ष्मी कहाँ प्रवेश करती है ?
लक्ष्मी वित्तकोषं प्रविशति।
= लक्ष्मी बैंक में प्रवेश करती है।
अहं प्रविशामि = मैं प्रवेश करता हूँ / करती हूँ।