विगत 29 वर्षों के अपने वैदिक धर्म के अध्ययन से मैं निश्चयपूर्वक यह कह सकता हूं कि पृथ्वी पर सभी मत सम्प्रदायों में वैदिक धर्म के से सार्वभौम कल्याणकारी विचार कहीं पर भी देखने को नहीं मिलते।
जो युवा पीढ़ी वैदिक धर्म के प्रति अज्ञान तथा आधे-अधुरे ज्ञान के चलते अविश्वास तथा अन्य मतानुयायियों के थोड़े से बहकावे में आकर अपना धर्म परिवर्तन करते हैं उन्हें इस पुस्तक में लिखे विचारों पर चिन्तन कर स्वधर्म में वापसी की प्रेरणा देता हूं।
ईसाई मतानुयायी स्वमत विस्तार के लिए अपनी बेटियां तक हिन्दू लड़कों को देने को उद्यत रहते हैं तथा विवाह पश्चात उन लड़कों को ईसाई बना लेते। इसी प्रकार हिन्दू लड़कियों को ईसाई बनाकर अपने मतस्थ लड़कों से विवाह कराया जाता है। इसप्रकार सुनियाजित ढंग से भारत में चल रहा धर्मान्तरण का षडयन्त्र है।
मतान्तरण के इस कुचक्र को हमें न केवल रोकना है अपितु सत्यग्राही ईसाइयों को वैदिक धर्म की महत्ता समझाकर कृण्वन्तो विश्वमार्यम् इस परमात्मा के आदेश को चरितार्थ भी करना है।