भारती के नन्द दया आनन्द के कन्द दया।
नन्द ने उड़ाई नीन्द हिन्द आर्यवृन्द की।।
तीव्र तपको प्रताप शान्ति सौम्यता अमाप।
आदित्य के ताप आप ज्योति शीत चन्द की।।
काराणी कहत दयानन्द की दया ते आई।
हिन्द की आजादी गई बात छाल-छन्द की।।
पारावार प्यार के पोकारन तें बार-बार।
बोलो जयकार युगदेव दयानन्द की।।५१।।
~ दयानन्द बावनी
स्वर : ब्र. अरुणकुमार “आर्यवीर”
ध्वनि मुद्रण : कपिल गुप्ता, मुंबई