ओ३म् बोलो ओ३म्…

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“नाम ये निज का”

ओ३म् बोलो ओ३म् साथी यहां कौन?
हर सुबह शाम जप लो ओऽम् नाम।। टेक।।

ओ३म् है सबसे बड़ा, उसने जगत है रचा।
नाम है ये निज का, भापा बोले ओ३म्।। 1।।

ओ३म् की महिमा बड़ी, उससे है धरती खड़ी।
उसने सजाई तारों की लड़ी, सब बोलें ओ३म्।। 2।।

ओ३म् है निराकार, सबका है वो आधार।
वो ही है जीवनसार, रचो विरचो ओ३म्।। 3।।

ओ३म् उसका निज नाम, ये ही है परमधाम।
हर पल ओ३म्, हर क्षण ओ३म्।। 4।।

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