वैदिक भक्ति साधन आश्रम में आर्य वीर दल के तत्वावधान में लगे युवा चरित्र निर्माण शिविर में आज चौथे दिन बालकों को प्रभात वेला में ईश्वर जीव प्रकृति के चिंतन पूर्वक जप ध्यान कराया गया..
यज्ञोपवीत का महत्व समझाकर जनेऊ धारण का संकल्प सभी ने लिया..
16 संस्कारों की जानकारी तथा वर्ण आश्रम प्रणाली बालकों को समझाई गई, जिस में वर्ण जन्मानुसार न होकर गुण कर्म स्वभाव अनुसार बताए गए.. ब्रह्मचर्य में विद्यार्जन श्रम, गृहस्थ में धनार्जन श्रम वानप्रस्थ में स्व अर्जन श्रम तथा संन्यास में ब्रह्म अर्जन श्रम की बात समझाई गई..
सुयोग्य शिक्षकों द्वारा आसन प्राणायाम दंड बैठक सूर्य आदि नमस्कार डंबल्स लाठी जूडो कराटे आदि शारीरिक अभ्यास भी कराए गए..!!
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