आध्यात्मिक विषय प्रश्नोत्तरी

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आध्यात्मिक विषय

प्र. १) अविद्या किसे कहते हैं ?

उत्तर : विपरीत जानने को अविद्या कहते हैं।

प्र. २) अविद्या का कोई उदाहरण दीजिए ?

उत्तर : जड़ को चेतन मानना, ईश्वर को न मानना, अन्धेरे में रस्सी को सांप समझ लेना। ये अविद्या के उदाहरण हैं।

प्र. ३) जन्म का अर्थ क्या है ?

उत्तर : शरीर को धारण करने का नाम जन्म है।

प्र. ४) जन्म किसका होता है ?

उत्तर : जन्म आत्मा का होता है।

प्र. ५) मृत्यु किसे कहते हैं ?

उत्तर : आत्मा के शरीर से अलग होने को मृत्यु कहते हैं।

प्र. ६) जन्म क्यों होता है ?

उत्तर : पाप-पुण्य कर्मों का फल भोगने के लिए जन्म होता है।

प्र. ७) क्या जन्म-मृत्यु को रोका जा सकता है ?

उत्तर : हाँ, जन्म-मृत्यु को रोका जा सकता है।

प्र. ८) मुक्ति किसे कहते हैं ?

उत्तर : जन्म-मृत्यु के बन्धन से छूट जाना ही मुक्ति है।

प्र. ९) मुक्ति किसकी होती है ?

उत्तर : मुक्ति आत्मा की होती है।

प्र. १०) मुक्ति में आत्मा कहाँ रहता है ?

उत्तर : मुक्ति में आत्मा ईश्वर में रहता है।

प्र. ११) क्या मुक्ति में आत्मा ईश्वर में मिल जाता है ?

उत्तर : नहीं, मुक्ति में आत्मा ईश्वर में नहीं मिलता है।

प्र. १२) मुक्ति में सुख होता है अथवा दुःख ?

उत्तर : मुक्ति में किसी प्रकार का दुःख नहीं होता है। वहाँ केवल ईश्वर के आनन्द की अनुभूति होती है।

प्र. १३) मुक्ति कैसे प्राप्त होती है ?

उत्तर : सत्य, संयम, विद्या प्राप्ति और धर्माचरण करने से मुक्ति प्राप्त होती है।

प्र. १४) शरीर कितने प्रकार के होते हैं ?

उत्तर : शरीर तीन प्रकार के होते हैं – १) स्थूल शरीर, २) सूक्ष्म शरीर, ३) कारण शरीर।

प्र. १५) स्थूल शरीर किन तत्वों से बनता है ?

उत्तर : स्थूल शरीर पृथिवी, जल, अग्नि, वायु और आकाश से मिलकर बनता है।

प्र. १६) सूक्ष्म शरीर किसे कहते हैं ?

उत्तर : मन, बुद्धि, सूक्ष्म इन्द्रिय इत्यादि १८ पदार्थों को सूक्ष्म शरीर कहते हैं।

प्र. १७) विद्या प्राप्ति के चार उपाय कौन से हैं ?

उत्तर : श्रवण, मनन, निदिध्यासन और साक्षात्कार विद्या प्राप्ति के ४ उपाय हैं।

प्र. १८) इन चार उपायों को समझाइए ?

उत्तर : श्रवण- ध्यान से सुनना, मनन- सुने हुए पर एकांत में विचार करना, निदिध्यासन- विवेचन करना, साक्षात्कार- सही ज्ञान को प्राप्त कर लेना।

प्र. १९) जन्म एक है अथवा अनेक ?

उत्तर : जन्म अनेक होते हैं।

प्र. २०) पूर्वजन्मों की बातें याद क्यों नहीं रहती हैं ?

उत्तर : आत्मा का ज्ञान और सामर्थ्य कम होने से पूर्वजन्मों की बातें याद नहीं रहती हैं।

प्र. २१) आत्मा एक है, अथवा अनेक ?

उत्तर : आत्माएं अनेक हैं।

प्र. २२) मनुष्य, पशु-पक्षी आदि शरीरों में क्या आत्मा एक समान होती है ?

उत्तर : हाँ, सभी शरीरों में आत्मा एक समान होता है।

प्र. २३) आत्मा को भिन्न-भिन्न शरीर क्यों प्राप्त होते हैं ?

उत्तर : अपने पाप-पुण्य रुपी कर्मों के कारण आत्मा को भिन्न-भिन्न शरीर प्राप्त होते हैं।

प्र. २४) पशु-पक्षी का शरीर कब मिलता है ?

उत्तर : पशु-पक्षी का शरीर पाप कर्म करने पर मिलता है।

प्र. २५) मुक्ति कितने जन्मों में होती है ?

उत्तर : मुक्ति अनेक जन्मों में होती है।

प्र. २६) स्वर्ग किसे कहते हैं ?

उत्तर : सांसारिक सुख-सुविधाओं के भोगने को स्वर्ग कहते हैं।

प्र. २७) कर्म कितने प्रकार के होते हैं ?

उत्तर : कर्म ४ प्रकार के होते हैं- १) पुण्य, २) पाप, ३) मिश्रित तथा ४) निष्काम।

प्र. २८) मिश्रित कर्म किसे कहते हैं ?

उत्तर : जिस कर्म में पुण्य-पाप मिला-जुला रहता है उसे मिश्रित कर्म कहते हैं।

प्र. २९) सकाम कर्म किसे कहते हैं ?

उत्तर : धन, मान-सम्मान, पद-प्रतिष्ठा को पाने की इच्छा से जो कर्म किए जाते हैं उन्हें सकाम कर्म कहते हैं।

प्र. ३०) निष्काम कर्म क्या होते हैं ?

उत्तर : दूसरों के हित, परोपकार की भावना से जो कर्म किए जाते हैं उन्हें निष्काम कर्म कहते हैं।

प्र. ३१) पुण्य कर्मों के उदाहरण दीजिए ?

उत्तर : पढ़ना-पढ़ाना, इन्द्रियों पर संयम, माता-पिता की सेवा, धर्म का आचरण, परोपकार ये अच्छे कर्म हैं।

प्र. ३२) सभी पापों का मूल क्या है ?

उत्तर : सभी पापों का मूल लोभ है।

प्र. ३३) ब्रह्मा किसे कहते हैं ?

उत्तर : चारों वेदों के विद्वान् को ब्रह्मा कहते हैं।

प्र. ३४) जीवन का मुख्य उद्देश्य क्या है ? उत्तर : जीवन का मुख्य उद्देश्य ईश्वर को प्राप्त करना तथा औरों को कराना है।

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