मेरा नरेन्द्र
मेरा नरेन्द्र, मेरा नरेन्द्र।
अनुपम, अद्भुत, सक्षम सुरेन्द्र।।टेक।।
बस राष्ट्र, राष्ट्र -जपता माला।
तोड़े हर जंग लगा ताला।
बदले न कभी सत्यं -पाला।
दोनों हाथों -माला,भाला ।
आशिष देते हैं राघवेन्द्र।
मस्तक पर बैठे यादवेन्द्र।
मेरा नरेन्द्र मेरा नरेन्द्र।
अनुपम,अद्भुत ,सक्षम, सुरेन्द्र।
घर में घुसकर अरि को मारे ।
नयनों में जलते अंगारे।
दिखलाता है दिन में तारे।
हर समय विजय का व्रत धारे।
निश्चय जिसका है ध्रुव ध्रुवेन्द्र।
है सच्चा -सुच्चा नृप-नृपेन्द्र ।
मेरा नरेन्द्र मेरा नरेन्द्र।
अनुपम अद्भुत सक्षम सुरेन्द्र।
ले सब पुरखों का शुभाशीष।
श्रम की गंगा को झुका शीश।
है शौर्य धैर्य में कपि कपीश ।
गिरि से हो पाया तब गिरीश ।
गद् गद् मोहित हैं हरि हरेंद्र ।
है नव दधीचि मुनि मन मुनेन्द्र।
मेरा नरेन्द्र मेरा नरेन्द्र।
अनुपम अद्भुत सक्षम सुरेन्द्र।
है सत्य -सनातन का जाया ।
सिंहनी -दूध पीकर आया ।
शुचिता से सदा कमा-खाया ।
सतयुग,द्वापर,त्रेता -लाया ।
नत मस्तक दुनिया के नगेन्द्र।
जय हो जय हो तेरी मृगेंद्र ।
मेरा नरेन्द्र मेरा नरेन्द्र ।
अनुपम अद्भुत सक्षम सुरेन्द्र।
अब देश नहीं गूंगी गुड़िया।
जग भर की संजीवन पुड़िया
है शब्द -शब्द चेतन जड़िया ।
भारत अब नहीं स्वर्ण -चिड़िया।
है स्वर्ण-गरुड़ जल थल खगेन्द्र।
आद्यन्त ‘मनीषी’ शिव शिवेन्द्र।
अपना नरेन्द्र अपना नरेन्द्र।
सबका नरेन्द्र सबका नरेन्द्र।






