आचार्य जी के बारे में

आचार्य अरुण कुमार ‘आर्यवीर’ जी पिछले 32 वर्षों से देश विदेश में भ्रमण करते हैं और समाज कल्याण उपयोगी कार्य कर रहे हैं।

संस्कार, अध्यात्म, योग, चरित्र निर्माण, ब्रह्मचर्य, मेडिटेशन,आर्यवीरदल आदि विभिन्न विषयों पर देश विदेश में सैकङों शिविर लगाकर अब तक हजारों छात्र-छात्राओं और गृहस्थियों को प्रशिक्षिण दे चुके हैं। अहर्निशं सेवामहे के पथ पर आचार्यश्री आगे बढ रहे हैं।

आचार्य ज्ञानेश्वर जी रोजङ के साथ आप अनेकों यज्ञ प्रशिक्षण शिविरों में सहयोगी रहे हैं।

आप सैकङों पारिवारिक शिविर, विद्यालयों में शिविर, सामूहिक शिविर, ध्यान योग शिविरों का सफल मार्गदर्शन व संचालन कर चुके हैं। अनेक बार सामाजिक और राष्ट्रीय संस्थाओं द्वारा ढेरों सम्मान प्राप्त किए हैं। प्राप्त सम्मानों का प्रचार करना अपने योगाभ्यास और आत्मनोन्नति की दृष्टि से बाधक मानते हैं।

आप व्याकरण, दर्शन आदि आर्ष परम्परा के अच्छे विद्वान और कुशल प्रशिक्षक हैं। आर्ष परम्परा में आने से पूर्व आप पारिवारिक रूप से पीढियों से ही ईसाई मत के अनुयायी थे। वैदिक विचारों से प्रभावित होकर आपने ईसाईमत का त्याग कर दिया और प्रसिद्ध पुस्तक मैंने ईसाई मत क्यों छोङा लिखी।

आजीवन ब्रह्मचारी रहते हुए, वैदिक धर्म और संस्कारों का प्रचार करते हुए आपने सर्वे भवन्तु सुखिनः की भावना से अपना तन-मन-धन और जीवन समाज कल्याण के कार्यों में लगाया हुआ है।

जनसामान्य अपने घर परिवार विद्यालय व संस्था आदि में मान्य आचार्य जी के कार्यक्रमों का आयोजन करा सकें इसके लिए सामान्य परिचय यहाॅ दिया जा रहा है। आचार्य जी का कार्यक्रम करवाने के लिए आपश्री फोन अथवा वाट्सएप से 8074872028 नम्बर पर संपर्क करें।