जिसने सच जीवन में उतारा August 29, 2019 By Arun Aryaveer Download “ब्रह्मित” जिसने सच जीवन में उतारा जितना। उसने सुख पाया उतना।।टेक।। ज्ञान ही ज्ञान है उस जीवन में, वेद है जिसमें भरा। सद्गुण चाहा सद्गुण सराहा, सद्गुण कर्म में उतारा। ओऽम् नाम सर्वोच्च मानकर जीता रहा जो जितना।। 1।। ऋत नियमों सा सच्चा कर्म हो ब्रह्मित वह मानव है। भला हो सबका ऐसी भावना, सम है वह नव है। ब्रह्माण्ड जानकर ब्रह्म का मन्दिर, जीता रहा जो जितना।। 2।।