ओ3म् सुखकन्द से April 12, 2020 By Arun Aryaveer Download ओ3म् सुखकन्द से सच्चिदानन्द से याचना है। श्रेय पथ पर चलूं कामना है।। टेक।। कृत कुकर्मों की जब याद याती। आंखे हैं अश्रुधारा बहाती।। मन में सन्ताप की घोर अनुताप की वेदना है।। 1।। पाया नर तन न पर साधना की। कुछ भी न ईश आराधना की।। मन में तृष्णा भरी काम मद लोभ की वासना है।। 2।। भक्तजन की सुनो करुण कविता। विश्व दुरितों की हे देव सविता।। दूर कर दीजिए भद्र भर दीजिए भावना है।। 3।। स्वस्ति पन्थामनुचरेम मघवन्। सूर्य अरु चन्द्र के तुल्य भगवन्।। दान दूं ज्ञान लूं अघ्नता बन रहूं प्रार्थना है।। 4।। ले चलो सत्य पथ सर्व ज्ञाता। कुटिल अघ से बचूं सर नवाता।। मुझको दो आत्मबल जिससे होवे सफल साधना है।। 5।।