साथी सारे जगे तू न जागा..!! प्रातःगान बेला अमृत गया, आलसी सो रहा, बन अभागा।साथी सारे जगे तू न जागा।। झोलियाँ भर रहे भाग्य वाले, लाखों पतितों ने जीवन सम्भाले। रंक राजा बने, भक्ति रस में…
जो जागत है सो पावत है प्रातःगान उठ जाग मुसाफिर भोर भई, अब रैन कहाँ जो सोवत है? जो सोवत है सो खोवत है, जो जागत है सो पावत है।। टुक नींद से अँखिया खोल जरा,…
अमृत वेला जाग प्रातःगान अमृत वेला जाग अमृत बरस रहा। छोड़ नींद का राग अमृत बरस रहा।। चार बजे के पीछे सोना, है अपने जीवन को खोना। झट बिस्तर को त्याग, अमृत बरस…