पूजनीय प्रभो हमारे यज्ञ प्रार्थना पूजनीय प्रभो हमारे, भाव उज्वल कीजिए। छोड़ देवें छल-कपट को, मानसिक बल दीजिए।। 1।। वेद की बोलें ऋचाएं, सत्य को धारण करें। हर्ष में हों मग्न सारे, शोक…
यह मत कहो कि जग में यह मत कहो कि जग में कर सकता क्या अकेला। लाखों में वार करता इक सूरमाँ अकेला।। टेक।। आकाश में करोड़ों तारें हैं टिमटिमाते। अंधकार जग का हरता इक चन्द्रमा…
वैदिक रीति सिखलाई वैदिक रीति सिखलाई, सिखलाई आर्य समाज ने ऋषि मुनियों के पथ पर चलना। एक प्रभु की पूजा करना।। सन्ध्या विधि बतलाई, बतलाई आर्य समाज ने।। 1।। ब्रह्मचर्य और गृहस्थ बताया।…
उठो जवानों करो प्रतिज्ञा उठो जवानों करो प्रतिज्ञा जग को आर्य बनाना है। भूले भटके भ्रान्त पथिक को फिर सन्मार्ग दिखाना है।। टेक।। मतवादों का अन्ध कुहाँसा दिशाबोध भूला मानव। वैदिक सूर्य विभा चमकाकर…
तूने क्या पूजा तूने क्या पूजा (3) पूजा ये धरा, आकाश पूजा, ईमान पूजा, भगवान पूजा। तूने यज्ञ पूजा, मन्दिर पूजा। इन्सान जहां का रहा भूखा, तूने क्या पूजा।। 1।। राखी पूजी, रिश्ता…
संगच्छध्वं संवदध्वं संगठन सूक्तम् संगच्छध्वं संवदध्वं सं वो मनांसि जानताम्। देवा भागां यथा पूर्वे संजानाना उपासते।। समानी व आकूतिः समाना हृदयानि वः। समानमस्तु वो मनो यथा वः सुसहासति।। समानो मन्त्रः समितिः समानी…
तेरे नाम का सुमिरन करके तेरे नाम का सुमिरन करके मेरे मन में सुख भर आया। तेरी कृपा को मैंने पाया, तेरी दया को मैंने पाया।। टेक।। दुनियां की ठोकर खाकर, जब कभी हुआ बेसहारा।…
स्वयं को पाओ “नमकर समकर” स्वयं को पाओ, स्वयं को पाओ। नमकर, समकर, समकर, नमकर। स्वयं को पाओ, स्वयं को पाओ। दिव्य हो जाओ।। टेक।। सहज सरल हो कथनी, तेरे वचन में देख…
हों विमल संकल्प मेरे तन्मे मनः शिवसंकल्पमस्तु हों विमल संकल्प मेरे उस सतत गतिशील मन के। हा शिवम् संकल्प मेरे उस सतत गतिशील मन के।। टेक।। दूरगामी जागरण में ठीक वैसा जो शयन में।…
हेऽ सृष्टि के कण-कण में “ब्रह्म-पताका” हेऽ सृष्टि के कण-कण में, प्रभु का प्यार पगे। जनम से लेके, मरण तलक रे, मानव समझ न सके।। टेक।। हर कुछ उसका साधन बना है। इतनी पताकाएं, जगह-जगह…
सप्रयास मैं तुझ तक पहुंचा “ब्रह्म युजित” सप्रयास मैं तुझ तक पहुंचा, अप्रयास मैं तुझमें डूबा।। टेक।। दुनियां थी मेरे प्रयास का रास्ता। दुनियां से फिर रखा ना वास्ता।। ब्रह्म युजित मैं दुनियां टूटा, अप्रयास…
ऐ ब्रह्मानन्द अपने निकटतम ऐ ब्रह्मानन्द अपने निकटतम कर ले। साधक रहा हूं मैं साधक ही रहूंगा।।टेक।। धन-दौलत लोगों नें अपार है जोड़ी। खुद को किया छोटा, रह गए बस कौड़ी। हुई भूल कहां,…