विष्णु गणेश पिंगले १८८८ में महाराष्ट्र के पुणे जनपद में जनपद में जन्मे अमर क्रांतिकारी विष्णु गणेश पिंगले ९ भाई बहनों में सबसे छोटे एवं सभी के दुलारे थे| विद्यालयी जीवन में ही…
वीर सुरेन्द्र साईं 23 जनवरी नेता जी सुभाष चन्द्र बोस के जन्मदिवस के साथ साथ एक और क्रांतिवीर का जन्मदिवस भी है, वीर सुरेन्द्र साईं का जिनका जन्म 23 जनवरी 1809 में उडीसा…
विनायक दामोदर सावरकर विनायक दामोदर सावरकर उपाख्य वीर सावरकर भारतीय स्वतन्त्रता आन्दोलन के अग्रिम पंक्ति के सेनानी और प्रखर राष्ट्रवादी नेता थे। हिन्दू राष्ट्र की राजनीतिक विचारधारा (हिन्दुत्व) को विकसित करने का बहुत बडा…
वीर कुँवर सिंह 23 अप्रैल का दिन 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के महान सिपाहियों में से एक बाबू वीर कुँवर सिंह का जन्मदिवस है जिन्होंने 80 वर्ष की आयु में भी ईस्ट…
वासुदेव हरि चाफेकर इतिहास प्रसिद्द चाफेकर बंधुओं में से एक वासुदेव हरि चाफेकर का 8 मई को बलिदान दिवस है। उनका जन्म पेशवाओं की राजधानी रही पूना के पास चिंचवाड़ नामक गाँव में…
वासुदेव बलवंत फड़के स्वतंत्र भारत के इस मन्दिर की नींव में पड़े हुए असंख्य पत्थरों को कौन भुला सकता है, जो स्वयं स्वाहा हो गए किन्तु भारत के इस भव्य और स्वाभिमानी मंदिर…
उमाजी नाइक खोमाने भारत के अमर क्रांतिवीरों की कड़ी के एक दैदीप्यमान नक्षत्र उमाजी नाइक खोमाने का जन्म 7 सितम्बर 1791 को महाराष्ट्र के पुणे जिले के पुरंदर तालुका के भिवाड़ी गाँव में…
उल्लासकर दत्त आज उन अमर क्रांतिकारी उल्लासकर दत्त का जन्मदिवस है जो ब्रिटिश अधिकारियों पर फेंकने के लिए तैयार किये जाने वाले बमों को बनाने वाले दस्ते के प्रमुख सदस्य थे। उल्लासकर…
शहीद ऊधम सिंह हाथी की तरह भारतीय भी अपने दुश्मन को कभी नहीं भूलते और पलट कर वार करते हैं, 20 साल बाद भी| 1940 में जर्मन रेडियो द्वारा किया गया ये प्रसारण…
तिलका मांझी स्वाधीनता संग्राम का प्रथम शहीद : तिलका मांझी (Courtesy: प्रीतीश एक देशप्रेमी विद्रोही (with minor edits)) भारत में स्वाधीनता संग्राम की प्रथम मशाल सुलगाने वाली बिहार की संथाल परगना, भागलपुर…
रामचन्द्र पांडुरंग राव योलेकर (तात्या टोपे) ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कम्पनी और अंग्रेज़ों के खिलाफ़ भारत के प्रथम स्वाधीनता संग्राम के महानायक, अपनी वीरता और रणनीति के लिये दूर दूर तक विख्यात रामचन्द्र पांडुरंग राव योलेकर उपाख्य…
टंट्या भील आज़ादी के लिए नाजाने कितने भारत माँ के लाल बलिदान हो गए , पर दुर्भागय से आज उनका कोई नाम बी नहीं जानता ….. टंट्या भील जिसने अंग्रेजो से लोहा…