अग्निहोत्र मंत्रार्थ 48. तन्त्वा समिद्भिरङ्गिरो १..!! By admin - March 10, 2022 0 129 FacebookTwitterPinterestWhatsApp 48 Tantva Samidbhih 1Download तं त्वा समिद्भिरङ्गिरो घृतेन वर्द्धयामसि। बृहच्छोचा यविष्ठ्या स्वाहा।। इदमग्नये ऽ ङ्गिरसे – इदन्न मम।। 4।। (यजु. 3/3.)