भारत गौरव गान या भारत चालीसा
स्वर : ब्र. अरुणकुमार “आर्यवीर”
38 – वीरांगनाएँ
जानत जग काली, दुर्गा सी रण-चण्डी मरदानी को।
रमणी महा अहिल्या बाई झांसी की महारानी को।।
कौन नहीं जानत है पन्नादाई राजस्थानी को।
कौन नहीं जानत है दुर्गावती महा क्षत्राणी को।।
कौन नहीं जानत है महा सती पद्मिनी कहानी को।
कृष्णकुमारी, हांड़ीरानी, मैना की कुर्बानी को।।
वीरांगना झलकारीबाई लक्ष्मीबाई सयानी को।
कमला, सरोजिनी, लक्ष्मीनाथन सी देश दिवानी को।।
गार्गी मैत्रेयी सुलभा को जानत सकल जहान।
है भूमण्डल में भारत देश महान।।
है भूमण्डल में आर्यावर्त महान।।