(~भारत चालीसा)
भारत गौरव गान या भारत चालीसा
स्वर : ब्र. अरुणकुमार “आर्यवीर”
22 – आविष्कार
प्रथम जहां पर हुआ कला-कौशल विज्ञान का आविष्कार।
शकुन्तला का चित्र बनाया था दुष्यन्त करो स्वीकार।।
युग-युग से जो आयुर्वेदिक औषध से करता उपचार।
सुशेन वैद्य ने लक्ष्मण में कर दिया पुनः प्राण संचार।।
रखे हुये थे वैद्य सुभारत के कभी यूनानी सरकार।
और अरब भी संस्कृत से ही किया हिन्दसा ग्रन्थ प्रसार।।
राम, लखन, लव, कुश, अर्जुन वर्षाए शर से जल, अंगार।
लंका से जब चले राम तो विमान पर थे हुए सवार।।
यह मिथ्या अपवाद नहीं देखो कुबेर के यान।
है भूमण्डल में भारत देश महान।।
है भूमण्डल में आर्यावर्त महान।।