भारत गौरव गान या भारत चालीसा
स्वर : ब्र. अरुणकुमार “आर्यवीर”
19 – गुरुजन
जहां हुए गुरु वसिष्ठ, विश्वामित्र, वाल्मिकी गुरु गुणवान।
राम, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघन, लव, कुश, जिनसे बने महान।।
जहां हुए गुरु द्रोणाचार्य महा विद्वान महा बलवान।
कौरव-पाण्डव को जिसने था दिया सकल रणकौशल ज्ञान।।
चाणकने तो चन्द्रगुप्त को बना दिया सम्राट सुजान।
समर्थ गुरु ने वीर शिवा को बना दिया था भूप जवान।।
नानक गुरु गोविन्द बनाये सिक्खों को शूर सन्तान।
विरजानन्द ने दयानन्द को बना दिया गुरु सकल जहान।।
लाजपत ने दिए भगतसिंह क्रान्तिकारी महान्।
है भूमण्डल में भारत देश महान।।
है भूमण्डल में आर्यावर्त महान।।