भारत गौरव गान या भारत चालीसा
स्वर : ब्र. अरुणकुमार “आर्यवीर”
16 – बसुधैव कुटुम्बकम्
भू-मण्डल भर गये भारती लेकर अपना पोत विमान।
मिश्र सुमात्रा, जावा ऑस्ट्रेलिया में था जिनका संस्थान।।
कोलम्बस से प्रथम गई थी, अमरीका भारत सन्तान।
वहां उलूपी से अर्जुन ने जाकर ब्याह किया था मान।।
धृतराष्ट्र औ पाण्डु ने किये थे विवाह काबुल और ईरान।
रानी हेलेन, गन्धारी आदिक है ये इतिहास प्रमाण।।
सन्धि सिकन्दर ने पुरु से की सेल्यूकस जब चले यूनान।
चन्द्रगुप्त से बेटी ब्याही, दे दहेज में काबुल दान।।
इसी तरह वसुधैव कुटुम्ब है आर्यावर्त महान।
है भूमण्डल में भारत देश महान।।
है भूमण्डल में आर्यावर्त महान।।