३. लिखँ (अक्षरविन्यासे)

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३. लिखँ (अक्षरविन्यासे) तुदादिगण ७४, सेट्, पररस्मैपदी

लट् (वर्तमान काल) वर्तमाने लँट् (३/२/१२३)

एकवचन  द्विवचन   बहुवचन

प्र.पु.  लिखति   लिखतः    लिखन्ति

म.पु.  लिखसि   लिखथः    लिखथ

उ.पु.  लिखामि   लिखावः    लिखामः

लिट् (परोक्ष भूत) परोक्षे लिँट् (३/२/११५)

एकवचन  द्विवचन   बहुवचन

प्र.पु.  लिलेख    लिलिखतुः  लिलिखुः

म.पु.  लिलेखिथ  लिलिखथुः  लिलिख

उ.पु.  लिलेख    लिलिखिव  लिलिखिम

लुट् (अनद्यतन भविष्य) अनद्यतने लुँट् (३/३/१५)

एकवचन  द्विवचन   बहुवचन

प्र.पु.  लेखिता   लेखितारौ   लेखितारः

म.पु.  लेखितासि लेखितास्थः लेखितास्थ

उ.पु.  लेखितास्मि          लेखितास्वः  लेखितास्मः

लृट् (भविष्यत्) लृँट् शेषे च (३/३/१३)

एकवचन  द्विवचन   बहुवचन

प्र.पु.  लेखिष्यति लेखिष्यतः  लेखिष्यन्ति

म.पु.  लेखिष्यसि लेखिष्यथः  लेखिष्यथ

उ.पु.  लेखिष्यामि लेखिष्यावः  लेखिष्यामः

लेट् (वेद में लिँङ् के अर्थ में) लिँङर्थे लेट् (३/४/७)

प्र.पु.      एकवचन                द्विवचन               बहुवचन

सिप् णित्-पक्ष

         (अट्/आट्)               (अट्/आट्)              (अट्/आट्)

लेखिषति/लेखिषाति        लेखिषतः/लेखिषातः       लेखिषन्ति/लेखिषान्ति

लेखिषत्/लेखिषात्                                लेखिषन्/लेखिषान्

लेखिषद्/लेखिषाद्

सिप् अणित्-पक्ष

लेखिषति/लेखिषाति        लेखिषतः/लेखिषातः       लेखिषन्ति/लेखिषान्ति

लेखिषत्/लेखिषात्                                लेखिषन्/लेखिषान्

लेखिषद्/लेखिषाद्

सिप् अभाव-पक्ष

लिखति/लिखाति           लिखतः/लिखातः          लिखन्ति/लिखान्ति

लिखत्/लिखात्                                  लिखन्/लिखान्

लिखद्/लिखाद्

म.पु.                             सिप् णित्-पक्ष

लेखिषसि/लेखिषासि        लेखिषथः/लेखिषाथः       लेखिषथ/लेखिषाथ

लेखिषः/लेखिषाः

सिप् अणित्-पक्ष

लेखिषसि/लेखिषासि        लेखिषथः/लेखिषाथः       लेखिषथ/लेखिषाथ

लेखिषः/लेखिषाः

                       सिप्-अभाव-पक्ष

लिखसि/लिखासि          लिखथः/लिखाथः          लिखथ/लिखाथ

लिखः/लिखाः

उ.पु.                             सिप् णित्-पक्ष

लेखिषमि/लेखिषामि        लेखिषवः/लेखिषावः       लेखिषमः/लेखिषामः

लेखिषम्/लेखिषाम्         लेखिषव/लेखिषाव         लेखिषम/लेखिषाम

सिप् अणित्-पक्ष

लेखिषमि/लेखिषामि        लेखिषवः/लेखिषावः       लेखिषमः/लेखिषामः

लेखिषम्/लेखिषाम्         लेखिषव/लेखिषाव         लेखिषम/लेखिषाम

सिप्-अभाव-पक्ष

लिखमि/लिखामि          लिखवः/लिखावः          लिखमः/लिखामः

लिखम्/लिखाम्            लिखव/लिखाव           लिखम/लिखाम

लोट् (विध्यादि अर्थ तथा आशीर्वचन) लोँट् च (३/३/१६५)

एकवचन        द्विवचन  बहुवचन

प्र.पु.  लिखतु/लिखतात्  लिखताम्  लिखन्तु

म.पु.  लिख/लिखतात्   लिखतम्   लिखत

उ.पु.  लिखानि        लिखाव    लिखाम

लङ् (अनद्यतन भूतकाल) अनद्यतने लँङ् (३/२/१११)

एकवचन  द्विवचन   बहुवचन

प्र.पु.  अलिखत्  अलिखताम् अलिखन्

म.पु.  अलिखः   अलिखतम्  अलिखत

उ.पु.  अलिखम्  अलिखाव   अलिखाम

विधिलिङ् (विध्यादि अर्थ) विधिनिमन्त्रणामन्त्रणा-

धीष्टसम्प्रश्नप्रार्थनेषु लिँङ् (३/३/१६१)

एकवचन  द्विवचन   बहुवचन

प्र.पु.  लिखेत्    लिखेताम्   लिखेयुः

म.पु.  लिखेः     लिखेतम्    लिखेत

उ.पु.  लिखेयम्  लिखेव     लिखेम

आशीर्लिङ् (आशीर्वाद) आशिषि लिँङ्लोटौ (३/३/१७३)

एकवचन  द्विवचन   बहुवचन

प्र.पु.  लिख्यात्  लिख्यास्ताम् लिख्यासुः

म.पु.  लिख्याः   लिख्यास्तम् लिख्यास्त

उ.पु.  लिख्यासम् लिख्यास्व  लिख्यास्म

लुङ् (सामान्यभूत) लुँङ् (३/२/११०)

एकवचन  द्विवचन   बहुवचन

प्र.पु.  अलेखीत्  अलेखिष्टाम् अलेखिषुः

म.पु.  अलेखीः   अलेखिष्टम् अलेखिष्ट

उ.पु.  अलेखिषम् अलेखिष्व   अलेखिष्म

लृङ् (क्रियातिपत्ति= काम न होने पर) लिँङ्निमित्ते लृँङ् क्रियातिपत्तौ (३/३/१३९)

एकवचन  द्विवचन   बहुवचन

प्र.पु.  अलेखिष्यत्          अलेखिष्यताम् अलेखिष्यन्

म.पु.  अलेखिष्यः अलेखिष्यतम्           अलेखिष्यत

उ.पु.  अलेखिष्यम्          अलेखिष्याव  अलेखिष्याम

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