हम इतिहास लिखेंगे, हम इतिहास लिखेंगे।
हमें स्वार्थ की घटा हटाकर नई प्रभा छिटकानी है।
हम इतिहास लिखेंगे उनका जिनकी सजग जवानी है।। टेक।।
हमने मनु के चारुचरित शिक्षण को चुना चुनौति में।
हिमगिरी का उत्तुंग शिखर है हमको मिला बपौति में।
हम ऊँचे आदर्शों को नभ से भूतल पर लाते हैं।
हम पिता की खुशियों की खातिर भीष्म प्रतिज्ञा करते हैं।
इतिहास बनाने वाले हम बनते इतिहास कहानी हैं।। 1।।
हम शैशव में गिन सिंहों के दांत अनेकों बार हंसे।
हम यौवन में शूर्पणखाओं उर्वशियों में नहीं फंसे।
हम गुरुवर वशिष्ठ के चेले नहीं राज्य पर मरते हैं।
अग्रज की ले चरण पादुका चौदह वर्ष गुजरते हैं।
आतंकवादी जातिवादी दुनियां हमें मिटानी है।। 2।।
सागर की छाती पर पत्थर तैराना अपनी थाती।
हमसे ही सोने की लंका राख में मिलाई जाती।
अत्याचारी दुःशासन का रक्त चाटते वीर यहां।
शरणागत के रक्षण हित रण में डटते हम्मीर यहां।
यहां राष्ट्र की बलिवेदी पर बलि देते बलिदानी हैं।। 3।।
हम सीमा के प्रहरी पुरु का स्वाभीमान दर्शाएंगे।
मौर्य शौर्य के साथ राष्ट्रगुरु गौरव गान सुनाएंगे।
संघर्षों से आजीवन झूजे मेवाड़ी मतवाले।
खोकर सिंह सिंहगढ़ की मर्यादा को रखनेवाले।
वीर प्रतापों शिवराजों की हमने गाथा गानी है।। 4।।
हमें व्यक्तिपूजा से हटकर राष्ट्र अर्चना करनी है।
जाति नहीं मानव में गुण गौरव की गरिमा भरनी है।
शोषण अत्याचार निरंकुशता हिंसा तानाशाही।
ये अभारती तत्व यहां इनकी होली जलाई जाती।
होली के इन मस्त जवानों में नव ज्योति जलानी है।। 5।।
चाटुकारिता के दिन बीते अन्ध-समर्थन का युग बीता।
अपनों के द्वारा अपनों की बात न सुनने का दिन बीता।
राष्ट्र भारती के आराधक दयानन्द के हम सैनानी।
अब नूतन इतिहास लिखेंगे और भरेंगे नई रवानी।
नहीं कृपा पर स्वाधीकार पर हिन्दी बनानी रानी है।। 6।।