सत्य की कमान तेरी सत्य के ही शब्द-बाण।
तेरे नैन का निशान सत्य की उन्नति है।।
काराणी कहत एक सत्य की सम्पत्ति तेरी।
सत्य तेरा योग तू ही जनम को जति है।।
नेता ऊर्ध्वरेता रोका रति के पति को तूने।
शस्त्र तेरा संयम अमंद अति मति है।।
पूर्व के अभूतपूर्व आप देवदूत सर-
स्वतीके सपूत दयानन्द सरस्वती है।।२५।।
~ दयानन्द बावनी
स्वर : ब्र. अरुणकुमार “आर्यवीर”
ध्वनि मुद्रण : कपिल गुप्ता, मुंबई