व्यवहार, खान-पान सम्बन्धी
प्र. १) अच्छे व्यवहार का लक्षण क्या है ?
उत्तर : धर्म का आचरण, अच्छें लोगों से मित्रता, पढ़ाई करना, नित्य स्नान और शुद्धि रखना – अच्छे व्यवहार के लक्षण हैं।
प्र. २) हमें किसका अनुकरण करना चाहिए ?
उत्तर : हमें धार्मिक विद्वानों का अनुकरण करना चाहिए।
प्र. ३) अच्छे कर्म का पता कैसे चलता है ?
उत्तर : जिन कर्मों को करने में उत्साह, प्रसन्नता, निर्भयता, सन्तोष, सुख, शान्ति का अनुभव होता हो, वे अच्छे कर्म हैं।
प्र. ४) धर्म का ज्ञान किसे होता है ?
उत्तर : जो व्यक्ति बुराइयों में नहीं फंसा हुआ है, उसे ही धर्म का ज्ञान होता है।
प्र. ५) वेद की निंदा करने वाले को क्या कहते हैं ?
उत्तर : वेद की निंदा करने वाले को नास्तिक कहते हैं।
प्र. ६) कौन सा ग्रन्थ सबसे अधिक प्रामाणिक है ?
उत्तर : सबसे अधिक प्रामाणिक वेद है।
प्र. ७) किन व्यक्तियों का सम्मान करना चाहिए ?
उत्तर : विद्वान, धर्मिक, वृद्ध, माता-पिता व सन्बम्धी।
प्र. ८) किनसे मित्रता नहीं करनी चाहिए ?
उत्तर : नास्तिक, छली-कपटी, झूठे, विश्वासघाती और स्वार्थी व्यक्तियों के साथ मित्रता नहीं करनी चाहिए।
प्र. ९) भोजन कैसा होना चाहिए ?
उत्तर : भोजन सात्विक, शाकाहारी, ऋतु के अनुसार, पौष्टिक, आयु व बल को बढ़ाने वाला होना चाहिए।
प्र. १०) मांसाहार से क्या हानि होती है ?
उत्तर : मांसाहार करने से बुद्धि का विनाश, अल्प आयु, स्वभाव में क्रूरता, अधर्माचरण, पशुओं की हिंसा आदि हानियाँ होती हैं।
प्र. ११) क्या मांसाहारी व्यक्ति पापी होता है ?
उत्तर : मांसाहारी व्यक्ति महापापी होता है।
प्र. १२) क्या मांसाहारी व्यक्ति ईश्वर का भक्त हो सकता है ?
उत्तर : ईश्वर ने वेद में मांस खाने का निषेध किया है। ईश्वर की आज्ञा को न मानने वाला व्यक्ति कभी भी ईश्वर का भक्त नहीं हो सकता है।
प्र. १३) भोजन का निर्धारण किन ग्रन्थों से होता है ?
उत्तर : भोजन का निर्धारण आयुर्वेद और वेद आदि सत्य शास्त्रों के आधार पर किया जाता है।
प्र. १४) कुछ लोगों का कहना है कि ‘‘मांसाहार न करने से पशुओं की संख्या बहुत बढ़ जाएगी’’ क्या यह उचित है ?
उत्तर : पशु-पक्षियों के जीवन से प्राकृतिक सन्तुलन बना रहता है। मांसाहार के लिए व्यक्ति इनकी संख्या को अप्राकृतिक रूप से बढ़ाते हैं। यदि इन्हें प्राकृतिक जीवन जीने दें तो इनकी संख्या नियन्त्रण में ही रहेगी।
प्र. १५) क्या, एक साथ एक थाली में भोजन करना चाहिए ?
उत्तर : नहीं, एक ही थाली में एक साथ भोजन नहीं करना चाहिए।
प्र. १६) झूठा खाने से क्या हानि होती है ?
उत्तर : दूसरों का झूठा खाने से उनके रोग हमारे शरीर में आ सकते हैं। इसलिए झूठा नहीं खाना चाहिए।
प्र. १७) भोजन करते समय किन बातों का ध्यान रखें ?
उत्तर : भोजन करते समय निम्न बातों का ध्यान रखें – १) एकान्त में भोजन करें। २) भोजन करते समय बातचीत न करें। ३) अन्न बासी न हो। ४) अच्छी तरह खूब चबा कर भोजन करें। ५) खाने के बाद आध घण्टे तक पानी न पिए।
प्र. १८) भोजन कब करना चााहिए ?
उत्तर : प्रातःकाल जागने के ५-६ घण्टे बाद व रात्रि में सोने से २-३ घंटे पूर्व भोजन करना चाहिए।
प्र. १९) भोजन से पूर्व कौन सी प्रार्थना करनी चाहिए ?
उत्तर : ‘‘हे ईश्वर आपकी कृपा से मुझे अन्न की प्राप्ति हुई है। अन्न से मुझे उत्तम स्वास्थ, दीर्घायु, बल, मेधा की प्राप्ति हो’’ ऐसी प्रार्थना भोजन से पूर्व करनी चाहिए।