टंकारे का बंका तेरे मन्त्रों ने बजाया डंका।
पाखण्डों की लंका जलाने में हनुमन्त सा।।
क्रान्तिकारी कर्मयोगी क्रान्तदर्शी कर्मवीर।
धर्म के ज्योतिर्धर ज्ञान में गयंद सा।।
परम समर्थ सत्य तत्त्व प्रतिपादन में।
असत्य उत्थापन में अधीर अमंद सा।।
धन्न मात भारती हजार बार धन्न-धन्न।
लेटा तेरी गोदी बीच बेटा दयानन्द सा।।४९।।
~ दयानन्द बावनी
स्वर : ब्र. अरुणकुमार “आर्यवीर”
ध्वनि मुद्रण : कपिल गुप्ता, मुंबई