भापा के लेख

‘‘अगाओ दर्शन’’

‘‘अगाओ दर्शन’’पुस्तक पढ़ने में अधिकारी : १) प्रज्ञ, २) उच्च कोटि साधक, ३) बहुज्ञ, ४) ज्ञान वृद्ध, ५) आदमी-...

‘‘अति आण्विक भट्ठी यह शरीर’’

शरीर दस खरब कोशिकाओं से निर्मित अति आण्विक भट्ठी है। इस भट्ठी में दस खरब रासायनिक कारखाने एक-एक पारदर्शी...

‘‘अस्तित्व-पहचान’’

आइडेंटिटी का नाम ‘‘अस्तित्व पहचान’’है । ‘‘अस्तित्व पहचान’’का सटीक होना राष्ट्र, उद्योग, समाज, परिवार आदि की उन्नति के लिए...

‘‘अंहस-प्रबंधन’’

विश्व में सारी त्राुटियों, सारी बीमारियों, सारी कमजोरियों का कारण प्रज्ञा-अपराध् है। प्रज्ञा का घटिया में लिथड़ जाना ही...

‘‘चरण प्रबंधन’’

चरण शब्द में दो आधर शब्द है। एक चर और रण। तीसरा शब्द है चरण। चरण का अर्थ होता...

‘‘प्रातः प्रबंधन’’

सोने वाला कलयुग है। करवट बदलनें वाला द्वापर है। उठकर खड़ा हो जाने वाला त्रोता है। चलने वाला सतयुग...

‘‘भगवाकरण’’ या ‘‘भगवा प्रबंधन’’

‘‘भगवाकरण शब्द के इर्द-गिर्द भारतीय राजनीति घूम रही है। इस राजनीति में दोनों पक्ष भगवाकरण शब्द को नकार रहे...

‘अनाज प्रबंधन’

अनाज को वेदों में ‘औषध’ कहा गया है, ‘‘औष’’ अर्थात् ओषजन या प्राण के साथ संयुक्त होता है या...

‘टाल-मटोल’ प्रबंधन

वर्तमान भारतीय प्रबंधन ‘टाल-मटोल’ प्रबंधन है। इस प्रबंधन के दो रूप हैं। 1) टाल-मटोल, 2) विलम्बन। विलम्बन प्रबन्धन का...

“अत्रि प्रबंधन”

”त्रि“ नहीं है जो उसे कहते हैं ”अत्रि“ । ”त्रि“ से अति है जो वह है अत्रि । तम,...