अन्तिम इच्छा…

0
115

आए अजमेर वहां जहर ने लिया घेर।

वैदो नारायणो हरिः ऐसो वक्त आयो है।।

अंतिम बिदाई को दीपावली अंतिम दिन।

दीपन को दिन आज शोक में समायो है।।

बीसवीं सदी के उनतालीसवें वर्ष आज।

दीपमालीका में देश-दीपक बुझायो है।।

ज्योति वक्त भारत में ज्योति के जगाए दीप।

परम ज्योति में आत्म-ज्योति को मिलायो है।।३९।।

~ दयानन्द बावनी
स्वर : ब्र. अरुणकुमार “आर्यवीर”
ध्वनि मुद्रण : कपिल गुप्ता, मुंबई

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here